21/08/2025

Dhanbad Times

साइबर अपराध के बढ़ते खतरों से बचाव की धनबाद पुलिस आमजनों को दे रही जानकारी

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एस. पी. ( नगर ) अजीत कुमार ने पुलिस केंद्र से साइबर सुरक्षा जागरूकता रथ को किया रवाना

धनबाद टाइम्स डेस्क: साइबर अपराध के बढ़ते खतरों को लेकर देशव्यापी ज न जागरण अभियान के तहत धनबाद जिले की पुलिस ने विशेष पहल शुरू की है। जनता को सतर्क करने एवं ऑनलाइन गतिविधियों को अधिक सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए वरीय पुलिस अधीक्षक श्री हृदीप पी जनार्दनन के निर्देशानुसार रविवार को
पुलिस अधीक्षक (नगर) अजीत कुमार ने पुलिस केंद्र से साइबर सुरक्षा जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। जागरूकता अभियान के प्रथम चरण के दौरान पांच दिनों तक प्रचार रथ शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों को साइबर अपराध के संभावित खतरों एवं उससे बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक करेगी। जिले के विभिन्न स्कूल कॉलेज व आवसीय परिसर में पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम के तहत जागरूकता अभियान चला रही है। सिटी एसपी ने बताया कि साइबर सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है और हम सभी को इसमें अपनी भूमिका निभानी है। जब हम सभी ऑनलाइन सुरक्षित रहने के लिए सरल कदम उठाते हैं, तो यह इंटरनेट के उपयोग को अधिक सुरक्षित बनाता है। यह कार्यक्रम सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में एक अभूतपूर्व प्रयास का हिस्सा है।
पुलिस उपाधीक्षक साइबर संजीव कुमार ने कहा कि साइबर अपराध से बचाव के लिए पुलिस की विशेष टीम नई तकनीकों का उपयोग कर रही हैं। आज के समय में तकनीक पर लोगों की बढ़ती निर्भरता, साइबर हमलों के बढ़ते खतरे के साथ हमारी ऑनलाइन डिजिटल दुनिया में अधिक सुरक्षा की मांग है। यह जागरूकता अभियान लोगों को उनके डिजिटल सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगा। साइबर सुरक्षा जागरूकता रथ के जरिये साईबर अपराध के संभावित खतरों एवं उससे बचाव के तरीके का प्रचार प्रसार किया जा रहा है। लोगों कों बताया जा रहा है कि साइबर अपराध से बचने के लिए ध्यान रखे कि बैंक कभी भी ए०टी०एम० नंबर, सी०वी०वी० नंबर, ओ०टी०पी० इत्यादी गोपनीय जानकारी की मांग नहीं करता है। कभी भी कस्टमर केयर अधिकारी का नंबर गूगल सर्च इंजन से प्राप्त करे। उक्त कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट का ही प्रयोग करें। हमेशा ध्यान रहे कि MPIN या UPI PIN की जरूरत सिर्फ पैसों के भुगतान के लिए होती है, न कि प्राप्ति के लिए। गुगल डॉक्स जैसे ऑनलाइन फॉर्म में गोपनीय बैंकिंग विवरणी कभी भी साझा न करे। बैंक कभी भी ऐसे ऑनलाइन फॉर्म भरने को नहीं कहता है। कभी भी अनजान श्रोत से प्राप्त लिंक को क्लिक या अग्रसारित यानी फॉरवर्ड न करे। फोन के माध्यम से किसी कंपनी के अधिकारी के कहे जाने पर कभी भी किसी प्रकार का स्क्रीन शेयरिंग ऐप जैसे की टीम व्यूअर, एनी डेस्क इत्यादी को अपने कम्प्यूटर, लैपटॉप या फोन पर डाउनलोड न करें।अपने अकाउंट से संबंधित ID/Passward को असान नही कठिन बनायें। (आपका मोबाईल नम्बर, जन्मतिथि, नाम इत्यादी कमजोर पासवर्ड है) एवं इसकी गोपनीयता को बनाये रखे एवं समय-समय पर बदलते रहें। यह सुनिश्चित करें कि आपकी निजी जानकारी, फोटो, विडियो इत्यादि अंजान लोगों तक ना पहुंचे, हो सके तो अपना निजी फोटो/विडियों सोशल मिडिया पर शेयर न करें।डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था पुलिस विभाग में नहीं होती हैं। इस प्रकार से मिलने वाली धमकियों से डरे नहीं बल्कि इसकी जानकारी तुरंत अपने नजदीकी थाने या फिर 1930 को दे। शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर कभी भी निजी एवं गैर सरकारी वितीय संस्थानों में पैसों का निवेश न करें, यह जोखिम भरा हो सकता है।भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के लाभ दिलाने के नाम पर आने वाले मैसेज या फोन कॉल से सावधान रहें, क्योंकि सरकार की संस्था कभी भी कॉल करके योजनाओं का लाभ नही देती हैं। पार्ट टाईम जॉब करने के नाम पर आने वाले कॉल / मैसेज का जबाव ना दे। क्रेडिट कार्ड कंपनियों से आने वाले कॉल की पहले जॉच करें। कोई भी गोपनीय जानकारी फोन पर साझा ना करें। यदि आप साइबर ठगी के शिकार हो जाते है तो तुरंत भारत सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा हेतु जारी किये गये टोल फ्री नंबर-1930 में या फिर cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत तुरंत दर्ज करें। कार्यक्रम में साइबर थाना प्रभारी अक्षय राम, शरत दूधानी, विक्रांत उपाध्याय, सर्जेन्ट प्रवीण कुमार, पंकज रजक समेत अन्य मौजूद थे।

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