23/11/2025

Dhanbad Times

रासलीला काम की नहीं, काम-विजय की लीला है:- स्वामी प्रद्युम्न प्रियाचार्य प्रभाकर है”

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धनबाद: लोयाबाद में चल रहे सात दिवसीय श्री संकटमोचन प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतिम दिन कथा के दौरान सोमवार को अयोध्या से पधारे श्री स्वामी प्रद्युम्न प्रियाचार्य प्रभाकर जी ने कहा कि “रासलीला काम की नहीं, काम-विजय की लीला है”।महाराज ने रासलीला के गूढ़ भावों को समझाते हुए कहा कि “रासलीला को मात्र सांसारिक दृष्टि से नहीं देखना चाहिए। यह काम की नहीं, अपितु ‘काम-विजय लीला’ है। भगवान श्रीकृष्ण ने सम्पूर्ण आशक्ति और विकारों का नाश कर, केवल पवित्र प्रेम और आत्मसमर्पण को स्वीकार किया। गोपियों के समर्पण को सर्वोच्च उदाहरण देकर बताया कि भगवान ने गोपियों को यही उपदेश दिया कि प्रत्येक स्त्री को अपने पति में ही परमेश्वर का स्वरूप देखना चाहिए।कथा के दौरान जरासंध वध और रुक्मिणी विवाह के प्रसंगों सहित अंत मे सुदामा चरित्र का वर्णन करने लगे तो पूरा वातावरण भावविभोर हो उठा। गरीबी,श्रद्धा और सच्चे सखा-भाव की अनुपम कथा ने उपस्थित श्रोताओं के नेत्रों को नम कर दिया। स्वामी जी ने अंत में कहा कि भक्ति का मार्ग ही मुक्ति का मार्ग है। जीवन में यदि कुछ शेष रह जाए तो भजन के साथ भगवान का स्मरण करना चाहिए। कार्यक्रम को सफल बनाने में राणा प्रताप चौहान, कृपाशंकर सिंह, बिनोद पासवान, मनोज मुखिया, शंकर केशरी, सुनील पांडेय, राजा शर्मा, मुकेश झा, राजा राय, सुरेश यादव, अरूण सिंह, बबलू झा, रितिक पांडेय, आंनद चौहान, प्रिंस सिंह, राजेश बाउरी,vसुनील शर्मा, अंकित पांडेय, गोरा नोनियां, लालू चौबे,vगौरव भट्टाचार्य आदि दर्जनों सदस्य सक्रिय रहे।

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