21/08/2025

Dhanbad Times

कोयला मजदूरों का सशक्त प्रहरी के बी सिंह: संघर्ष की आग में तपकर अब उपेक्षा का शिकार

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  • धनबाद के एस एन एम एम सी एच अस्पताल में बीस दिनों से हैं भर्ती, उन्हें बेहतर इलाज की है जरूरत

धनबाद: कोयला मज़दूरों के हक की लड़ाई लड़ने वाला एक अडिग योद्धा, जिसने दशकों तक श्रमिक हितों के लिए संघर्ष किया, आज अस्पताल में उपेक्षित पड़ा है। कभी कोयला अधिकारियों की आँखों में डर और मज़दूरों के दिलों में उम्मीद जगाने वाले के बी सिंह आज इलाज से वंचित हैं। यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि उस समाज की है जो अपने संघर्षशील नेताओं को भूलता जा रहा है। आखिर यह बेदर्दी ज़माने की है या लोगों की। इस लड़ाकू नेता का नाम आपने जरुर सुना होगा। जी हां, इनका नाम है के बी सिंह। सन 70 के दशक से धनबाद की श्रमिक राजनीति में सक्रिय रहे आर. सी. एम. एस. के महासचिव के बी सिंह गत बीस दिनों से धनबाद के एस एन एम एम सी एच अस्पताल में ईलाज विहीन पड़े हुए है। अपने समय में कोयला मजदूरों के लिए बड़े बड़े कोल अफसरों से भिड़ जाने वाले और काफी प्रसिद्धि कमाने वाले इस मजदूर नेता का हाल जानने गुरुवार तक जिले का कोई बड़ा मजदूर नेता या राजनीतिक शख्स अस्पताल नहीं पहुंचा था। मालूम रहे कि दिवंगत नेता एके राय के साथ सन 70 में श्रमिक राजनीति शुरु करने वाले केबी सिंह बाद में बीपी सिन्हा से प्रभावित होकर इंटक और आरसीएमएस से जुड़ गए। सन 80 में के बी सिंह जनता मजदूर संघ से जुड़ विधायक स्व. सूर्यदेव सिंह के दाहिने हाथ के रुप में मशहूर हो गए थे। बाद में वे फिर इंटक में लौट आए थे।
उक्त नामी मजदूर संगठनों में श्री सिंह बड़े बड़े पदों पर रहे। मजदूरों की लड़ाई को जी जान से लड़ने वाले के बी सिंह ने कभी भी कदम पीछे नहीं खिंचे। कोयला अधिकारी उनके नाम से पसीना पसीना हो जाते थे। श्रमिक हितों के खिलाफ जाकर समझौता न करने की उनकी फितरत का ही नतीजा है कि वे दौलत इकट्ठा नहीं कर पाएं और आज 77 वर्ष की आयु में अस्पताल में ऊपेक्षित, ईलाज विहीन पड़े है। के बी सिंह के सहयोगी रहे कई नेता आज नामी गिरामी शख्सियत बने हुए है। पर कोई उन्हें देखने तक नहीं गया है। क्या कहिएगा,जमाना बेदर्द है या लोग। आज परिजन उन्हें रिम्स ले जाने की तैयारी में हैं।

 

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