21/08/2025

Dhanbad Times

चाइल्ड लाइन, आरपीएफ और बाल कल्याण समिति ने संयुक्त अभियान चलाकर बच्चों को तस्करों से छुड़ाया; वास्कोडिगामा एक्सप्रेस से हुबली ले जाए जा रहे थे काम कराने के लिए

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धनबाद: सोमवार को से बाल तस्करी की एक बड़ी कोशिश को बाल कल्याण समिति, रेलवे पुलिस बल (RPF), जीआरपी और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम ने नाकाम किया। इस कार्रवाई में चार बच्चों समेत नौ लोगों को रेस्क्यू किया गया। बचाव अभियान के दौरान एक ट्रैफिकर बच्चे को लेकर भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे चाइल्ड लाइन की टीम ने कतरास स्टेशन तक पीछा कर पकड़ लिया।

बच्चे जसीडीह स्टेशन से उक्त ट्रेन में सवार हुए थे। यह वही रूट है जहाँ हाल के दिनों में इसी तरह की तस्करी की घटनाएं हुई हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि संथाल परगना और बिहार क्षेत्र से बच्चों को लगातार दक्षिण भारत भेजा जा रहा है।
चाइल्ड ट्रैफिकिंग पर काम कर रही संस्था झारखंड ग्रामीण विकास ट्रस्ट के निदेशक शंकर रवानी ने इस संदिग्ध तस्करी की सूचना बाल कल्याण समिति अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी को दी। तत्पश्चात धनबाद आरपीएफ इंस्पेक्टर अजय सिंह, रांची स्थित आरपीएफ कंट्रोल और चाइल्ड हेल्प लाइन की कोऑर्डिनेटर स्मिता कुमारी को भी अलर्ट किया गया। सीडब्ल्यूसी ने ट्रेन के आगमन तक निगरानी रखी और सूचना सटीक निकली।
धनबाद स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही टीम ने तीन बच्चों समेत आठ लोगों को रेस्क्यू किया, जबकि एक बच्चे को कतरास स्टेशन से छुड़ाया गया। चार बच्चों को मेडिकल जांच के बाद तत्काल बाल गृह, बोकारो में आश्रय हेतु भेजा गया।
महगामा निवासी जियाउल के पुत्र बकीम ने स्वीकार किया कि वह दो बच्चों को कर्नाटक के हुबली में होटल में काम कराने के लिए ले जा रहा था। अन्य ट्रैफिकर को बच्चे पहचान गए, लेकिन वह भागने में सफल रहा।

बाल कल्याण समिति ने चाइल्ड हेल्प लाइन को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है। बच्चों की काउंसलिंग प्रक्रिया बालगृह अधीक्षक ओमप्रकाश की देखरेख में चल रही है।
इस अभियान में चाइल्ड लाइन की सुपरवाइज़र सिम्पी कुमारी, पूजा कुमारी एवं केस वर्कर प्राणकिशोर की भूमिका सराहनीय रही। सीडब्ल्यूसी सदस्य संध्या सिन्हा ने देर रात बोकारो बाल गृह पहुंचकर केस को संभाला।

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