23/11/2025

Dhanbad Times

करमा पर्व में लोकसंस्कृति, प्रकृति प्रेम और जनसहभागिता का संगम, हरिणा (बाघमारा) मैदान बना सांस्कृतिक चेतना का केंद्र

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धनबाद (बाघमारा): हरिणा कालोनी स्थित खेल मैदान में रविवार को करमा महोत्सव की अविस्मरणीय रंगीन छटा से क्षेत्र की जनता का मन पुलकित हो उठा। लोक संस्कृति, प्रकृति प्रेम व सामाजिक एकता का अनोखा संगम दिखा। इस करमा अखाड़ा के आयोजन में हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति ने इस पर्व को एक जनउत्सव में बदल दिया। ढोल, मांदर और झांझ की थाप पर सजीव हुए लोकगीतों के बीच पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाएं और नन्हीं बच्चियों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। विभिन्न क्षेत्र से आये सांस्कृतिक दलों ने करमा गीतों और नृत्यों के माध्यम से झारखंड की मिट्टी की खुशबू को जीवंत किया। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सह कोडरमा सांसद अनुपूर्णा देवी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उनके साथ गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी, धनबाद सांसद ढुलू महतो, स्थानीय विधायक शत्रुघ्न महतो, प्रखंड प्रमुख, उपप्रमुख, और अन्य जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता भी मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत एक भव्य रोड शो से हुई, जिसका नेतृत्व विधायक शत्रुघ्न महतो ने किया। महिला नृत्य दलों के साथ ग्रामीणों ने नाचते-गाते हुए पूरे क्षेत्र को उत्सवमय बना दिया। करमा पर्व हमारी संस्कृति की आत्मा है- अनुपूर्णा देवी, केंद्रीय मंत्री–करमा पर्व हमारी संस्कृति, आस्था और सामूहिकता का प्रतीक है। यह त्योहार हमें प्रकृति से जुड़ने और समाज में भाईचारा बढ़ाने का संदेश देता है। केंद्र सरकार जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लगातार काम कर रही है। करमा महोत्सव सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि हमारी जड़ों से जुड़ने और आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति से परिचित कराने का माध्यम है। हमें अपनी परंपराओं को जीवित रखना होगा और शिक्षा व जागरूकता के साथ इसे आगे बढ़ाना होगा।  सामाजिक एकता और उत्साह का पर्व है करमा महोत्सव;- ढुलू महतो, सांसद करमा महोत्सव समाज में एकता और उत्साह का पर्व है। यह त्योहार हमें आपसी भाईचारा और परस्पर सहयोग की सीख देता है। उन्होंने कहा कि बाघमारा की धरती सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है और यहां के लोग अपनी परंपराओं को संजोए रखने में हमेशा आगे रहते हैं।

करमा पर्व समाज की गौरवशाली परंपरा है- शत्रुघ्न महतो, विधायक
करमा पर्व हमारे आदिवासी समाज की गौरवशाली परंपरा है और यह पीढ़ी दर पीढ़ी हमारी संस्कृति को जीवित रखे हुए है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से गांव-गांव और पंचायत-पंचायत की प्रतिभाएं सामने आती हैं और सामाजिक समरसता मजबूत होती है।
सांस्कृतिक आकर्षण
कार्यक्रम में नन्हीं बच्चियों की करमा गीतों पर प्रस्तुति विशेष आकर्षण रही। उनके भोलेपन और उत्साह ने पूरे माहौल को आनंदमय बना दिया। महिलाओं का समूहगान, युवाओं का ऊर्जावान नृत्य और बच्चों की मासूम झूमर ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रतिभागी बच्चियों को आयोजन समिति द्वारा पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया। करमा महोत्सव केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति संरक्षण, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का संदेश है। यह पर्व पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सामूहिकता की भावना को प्रोत्साहित करता है। सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

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